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SESSION – 2020 – 2021
CLASS – 11th
SUBJECT – CHEMISTRY
SUBJECT TEACHER - RAJ KUMAR SIR
SUBJECT TEACHER - RAJ KUMAR SIR
विज्ञान (Science) :- विज्ञान उस विशिष्ट ज्ञान को कहते है जो विभिन्न घटनाओ के निरीक्षणों से संग्रहित होता है जो सुवियवस्थित है तथा जिसके उपयुक्त परिक्षण तथा पुष्टिकरण कर लिए गए है |
रसायन विज्ञान (Chemistry) :- रसायण विज्ञान , विज्ञान की वह शाखा है जिसमे पदार्थो के संघटन , गुणों ,संरचना तथा उन क्रियाओ का अध्ययन किया जाता है जिनमे पदार्थो के संघटन , गुणों तथा संरचना मे परिवर्तन होता है |
रसायन विज्ञान की प्रमुख शाखाएँ -
(1) अकार्बनिक रसायन
(2) कार्बनिक रसायन
(3) भौतिक विज्ञान
द्रव्य (Matter) :- हर एक वह वस्तु जो स्थान घेरती हो और जिसमे भार हो पदार्थ या द्रव्य कहलाती है | जैसे - ईंट , पत्थर , हवा , पानी , आदि |
द्रव्य की प्रमुख तीन अवस्थाएँ होती है -
(1) ठोस
(2) द्रव
(3) गैस
परमाणु :- किसी भी पदार्थ का वह सूक्ष्तम भाग जो रासायनिक अभिक्रियाओं मे बिना अपघटित हुए भाग लेता हो परमाणु कहलाता है परमाणु स्वतन्त्र अवस्था मे नहीं रह सकता (अक्रिय गैसों को छोड़कर)
जैसे :- H , Na , Cu , K आदि |
अणु :- दो या दो से अधिक परमाणु संयोग करके अणु बनाते है , अणु स्वतन्त्र अवस्था मे रह सकता है |
जैसे :- H2 ,N2 , O2 , H2O आदि |
तत्व :- वे पदार्थ जो एक जैसे अणुओ से मिलकर बने हो तत्व कहलते है |
जैसे :- H2 ,N2 , O2 , आदि |
यौगिक :- यौगिक वे पदार्थ है जो दो या दो से अधिक तत्वों निश्चित अनुपात के रासायनिक संयोग के फलस्वरूप बनते है |
जैसे :- H2 ,N2 , O2 , H2O आदि |
मिश्रण (MIXTURE):- जब दो या दो से अधिक पदार्थो को किसी भी अनुपात मे मिलाया जाता है एक तरह का मिश्रण बनता है |
मिश्रण दो प्रकार का होता है -
(I) समांगी मिश्रण :- (HOMOGENEOUS MIXTURE):- वे मिश्रण जिनमे सम्पूर्ण मिश्रण की परावस्था एक जैसी हो तो उस मिश्रण को समांगी मिश्रण कहते है |
दूसरे शब्दों मे , ऐसे मिश्रण जिनमे विलय विलायक मे पूर्ण रूप से विलीन हो जाता हो और अलग अलग न देखा जा सकता हो | समांगी मिश्रण कहलाता है |
जैसे :- चीनी व जल का शर्बत , नमक व जल का मिश्रण
विषमांगी मिश्रण :- (HETROGENEOUSE MIXTURE):- वे मिश्रण जिनमे सम्पूर्ण विलयन की प्रावस्था एक जैसी न हो उस मिश्रण को विषमांगी मिश्रण कहते है |
दूसरे शब्दों मे , वे मिश्रण जिनमे विलय और विलायक एक दूसरे मे पूर्ण रूप से विलीन न हो अलग अलग दिख रहे हो | ऐसे विलयन को विषमांगी विलयन कहते है |
जैसे :- रेत व पानी का मिश्रण ,लोहे की छीलन व पानी का मिश्रण |
भौतिक परिवर्तन (Physical changes) :- वे परिवर्तन जिनमे पदार्थो के भौतिक गुण जैसे - आकर, रंग , अवस्था , ताप आदि अस्थाई रूप से बदल जाते है परन्तु उनके भार और संघटन मे कोई परिवर्तन नहीं आता और न कोई नया पदार्थ बनता , भौतिक परिवर्तन कहलाते है |
जैसे :- पदार्थो का गलना , जमना ,द्रवण, आसवन , मोम का पिंघलना |
रासायनिक परिवर्तन (Chemical changes) :- वे परिवर्तन जिनमे पदार्थ सदैव के लिए बदलकर नए पदार्थो मे बदल जाते है तथा नए पदार्थो का भार , संघटन ,भौतिक व रसायनिक गुण मूल पदार्थो से सदा अलग रहते हो, रसायनिक परिवर्तन कहलाते है |
जैसे :- मोम बत्ती का जलना , कागज का जलना , कार्बन डाई ऑक्साइड का बनना, जंग का लगना आदि |
डाल्टन का परमाणुवाद :- डाल्टन के अनुसार
(1) तत्व सूक्ष्तम कणो से मिलकर बना होता है , जिन्हे परमाणु कहते है |
(2) परमाणु अविभाज्य है अर्थात परमाणु को किसी भी रीति से अन्य सूक्ष्म कणो में विभाजित नहीं किया जा सकता |
(3) एक ही तत्व के परमाणु आकार , द्रव्यमान तथा अन्य सभी गुणों में समानता होती है | भिन्न - भिन्न तत्वों के परमाणु अलग - अलग होती है |
(4) दो या दो से अधिक तत्वों के परमाणुओं के संयोग से यौगिक बनते है | किसी यौगिक मे तत्वों के परमाणुओं की संख्याओ का अनुपात नियत रहता है |
आधुनिक परमाणुवाद :-
(1) इलेक्ट्रान , प्रोटोन तथा न्यूट्रॉन सभी पदार्थो के मौलिक कण है | सभी पदार्थ इलेक्ट्रान , प्रोटोन तथा न्यूट्रॉन से मिलकर बने होते है |
(2) प्रोटोन धनावेशित , इलेक्ट्रान ऋणावेशित व न्यूट्रॉन उदासीन होते है |
(3) रसायनिक अभिक्रियाओं मे परमाणुओं के बाह्यतम कक्षा के इलेक्ट्रान भाग लेते है |
(4) परमाणुओं की रासायनिक अभिक्रियाएँ उनमे उपस्थित इलेक्ट्रॉनों की संख्या पर निर्भर करता है |
सभी तत्व जो अभी खोजे गए है -
ber is its atomic number, which is the number of protons in each of its atoms.
- H - Hydrogen
- He - Helium
- Li - Lithium
- Be - Beryllium
- B - Boron
- C - Carbon
- N - Nitrogen
- O - Oxygen
- F - Fluorine
- Ne - Neon
- Na - Sodium
- Mg - Magnesium
- Al - Aluminum, Aluminium
- Si - Silicon
- P - Phosphorus
- S - Sulfur
- Cl - Chlorine
- Ar - Argon
- K - Potassium
- Ca - Calcium
- Sc - Scandium
- Ti - Titanium
- V - Vanadium
- Cr - Chromium
- Mn - Manganese
- Fe - Iron
- Co - Cobalt
- Ni - Nickel
- Cu - Copper
- Zn - Zinc
- Ga - Gallium
- Ge - Germanium
- As - Arsenic
- Se - Selenium
- Br - Bromine
- Kr - Krypton
- Rb - Rubidium
- Sr - Strontium
- Y - Yttrium
- Zr - Zirconium
- Nb - Niobium
- Mo - Molybdenum
- Tc - Technetium
- Ru - Ruthenium
- Rh - Rhodium
- Pd - Palladium
- Ag - Silver
- Cd - Cadmium
- In - Indium
- Sn - Tin
- Sb - Antimony
- Te - Tellurium
- I - Iodine
- Xe - Xenon
- Cs - Cesium
- Ba - Barium
- La - Lanthanum
- Ce - Cerium
- Pr - Praseodymium
- Nd - Neodymium
- Pm - Promethium
- Sm - Samarium
- Eu - Europium
- Gd - Gadolinium
- Tb - Terbium
- Dy - Dysprosium
- Ho - Holmium
- Er - Erbium
- Tm - Thulium
- Yb - Ytterbium
- Lu - Lutetium
- Hf - Hafnium
- Ta - Tantalum
- W - Tungsten
- Re - Rhenium
- Os - Osmium
- Ir - Iridium
- Pt - Platinum
- Au - Gold
- Hg - Mercury
- Tl - Thallium
- Pb - Lead
- Bi - Bismuth
- Po - Polonium
- At - Astatine
- Rn - Radon
- Fr - Francium
- Ra - Radium
- Ac - Actinium
- Th - Thorium
- Pa - Protactinium
- U - Uranium
- Np - Neptunium
- Pu - Plutonium
- Am - Americium
- Cm - Curium
- Bk - Berkelium
- Cf - Californium
- Es - Einsteinium
- Fm - Fermium
- Md - Mendelevium
- No - Nobelium
- Lr - Lawrencium
- Rf - Rutherfordium
- Db - Dubnium
- Sg - Seaborgium
- Bh - Bohrium
- Hs - Hassium
- Mt - Meitnerium
- Ds - Darmstadtium
- Rg - Roentgenium
- Cn - Copernicium
- Nh - Nihonium
- Fl - Flerovium
- Mc - Moscovium
- Lv - Livermorium
- Ts - Tennessine
- Og - Oganesson