पाठ - 9 बल तथा गति के नियम (force and low of motion) class 9th by om education point


M.D.M PUBLIC SCHOOL JANI KHURD
HOME ASSIGNMENT
SESSION – 2020 – 2021
CLASS – 9th

SUBJECT – PHYSICS
SUBJECT  TEACHER - RAJ KUMAR SIR

पाठ - 9         बल तथा गति के नियम 

बल :- बल वह धक्का या खिचाव होता है , जो किसी वस्तु मे गति या विराम की अवस्था मे परिवर्तन करता है या परिवर्तन करने का प्रयास करता है | 

बल का मात्रक  किग्रा-मी / सेकेण्ड 2 या न्यूटन होता है | यह एक सदिश राशि है | 
बल   =   द्रव्यमान   x   त्वरण 
f     =   m.a    न्यूटन | 


बल के प्रभाव :-किसी वस्तु पर बल लगाने से उत्पन्न प्रभाव


(1) बल लगाने पर किसी वस्तु की स्थिति बदल देता है या बदलने का प्रयास करता है | 
(2) बल किसी वस्तु की दिशा बदल देता है | 
(3) बल किसी वस्तु की आकृति बदल सकता है | 

बल के प्रकार :- 


बल निम्नलिखित दो प्रकार के होते है - 

(1) संतुलित बल :- किसी वस्तु पर लगने वाले दो या दो से अधिक बल जिनका परिणामी बल शून्य हो तो वे सभी बल संतुलित बल कहलाते है | संतुलित बलों के प्रभाव मे वस्तु की स्थिति मे कोई परिवर्तन नहीं होता है | 


जैसे :- यदि किसी गुटके पर विपरीत दिशा मे दो बराबर परिमाण के बल लगे हो तो बल संतुलित होंगे | 




(2) असंतुलित बल :- यदि किसी वस्तु या निकाय पर लगे सभी बलो का परिणामी शून्य न हो तो इस प्रकार के बलो को असंतुलित बल कहलाते है | 

जैसे :- किसी लकड़ी के गुटके पर दो बल एक ही दिशा मे लगे हो | 




गैलीलियो का जड़त्व का नियम :- 

जड़त्व :- किसी वस्तु का वह गुण जो उसकी विराम या गति की अवस्था मे परिवर्तन का विरोध करता है , जड़त्व कहलाता है | अर्थात जो वस्तु विराम मे है विराम मे ही रहेगी और जो गति मे है वह गति की अवस्था मे ही रहेगी | 


किसी वस्तु का जड़त्व उसके द्रव्यमान के अनुक्रमानुपाती होता है | अत: जिस वस्तु का द्रव्यमान जितना अधिक होगा उसका जड़त्व उतना ही अधिक होगा | 





जड़त्व के प्रकार :- 
जड़त्व निम्नलिखित दो प्रकार का होता है - 

(1) विराम जड़त्व :- यदि कोई वस्तु स्थिर अवस्था मे है , तो वह सदैव स्थिर अवस्था मे ही रहेगी , जब तक कि उसकी अवस्था परिवर्तन के लिए बाह्य बल न लगाया जाए | यह विराम का जड़त्व कहलाता है अर्थात कोई भी वस्तु अपनी विराम अवस्था का विरोध करती है 



(2) गति का जड़त्व :- यदि कोई वस्तु एक नियत चाल से चल रही है तो इसकी अवस्था बदलने के लिए इस पर कोई बाह्य बल  लगाया जाए तो वह गति अवस्था का विरोध करती है | यह गति का जड़त्व कहलाता है | 




दैनिक जीवन मे जड़त्व के उदाहरण -
अपने शब्दों मे लिखो - 
(1) बस या गाड़ी मे एकदम से चल जाने से एक झटका लगता है क्यों ? 
(2) कम्बल को तेजी से झटक देने से धूल के कण अलग हो जाते है ?
(3) लम्बी दौड़ दौड़ने की लिए खिलाडी को पहले तेजी से भागना पड़ता है ? 
(4) पेड़ को तेजी से हिलने पर पत्तिया नीचे गिर जाती है ? 

न्यूटन के गति के नियम 

(1) न्यूटन का गति विषयक प्रथम नियम :- गति के प्रथम नियम के अनुसार , यदि कोई वस्तु अपनी स्थिर अवस्था या सरल रेखा मे एकसमान गति की अवस्था मे है , तो वह उसी अवस्था मे रहेगी जब तक उस पर कोई बाह्य बल कार्य न करे | यह नियम जड़त्व का नियम या गैलेलियो का नियम भी कहलाता है |   




(2) न्यूटन का गति विषयक द्वितीय नियम :- इस नियम के अनुसार, '' किसी वस्तु के संवेग - परिवर्तन की दर , उस पर लगने वाले असंतुलित बल के अनुक्रमानुपाती होती है | यह परिवर्तन बल की दिशा मे ही होता है | ''


F   ∝    Δ p  / Δt 

Δ p  =    संवेग परिवर्तन 

Δt  =   समय परिवर्तन 

या 
किसी वस्तु पर लगाया गया बल उसमे उत्पन्न त्वरण व वस्तु के द्रव्यमान के गुणनफल के समानुपाती होता है | 


F   =  m.a




दैनिक जीवन मे द्वितीय नियम के कुछ उदाहरण :-
अपने शब्दों मे लिखे |

(1) क्रिकेट की गेंद का कैच लेते समय खिलाडी अपने हाथ पीछे की ओर खींच लेता है | 
(2) बॉक्सर अपना सर पीछे की ओर कर देता है | 

न्यूटन का गति विषयक तृतीय नियम :- इस नियम के अनुसार , जब एक वस्तु किसी दूसरी वस्तु पर बल लगाती है तो वह पहली वस्तु भी दूसरी वस्तु पर उतना ही बल आरोपित करती है | 

इस नियम को क्रिया प्रतिक्रिया का नियम कहते है | 

माना की A व B दो पिंड एक - दूसरे पर बल आरोपित कर रहे है , तब इस नियम के अनुसार , 
A द्वारा B पिण्ड पर पर आरोपित बल  = B द्वारा A पिण्ड पर आरोपित विपरीत दिशा मे बल 

FAB = - FBA







न्यूटन के गति विषयक तीसरे नियम के कुछ व्यावहारिक उदाहरण :-
अपने शब्दों मे लिखो - 

(1) बन्दुक से गोली चलाने पर बन्दुक का पीछे हटना | 
(2) भूमि पर चलते समय पैरो से पीछे की ओर धकेलना | 
(3) तैरते समय पानी को पीछे की ओर धकेलना | 
(4) कुँए से जल खींचना | 


संवेग :- किसी गतिमान वस्तु (पिण्ड) के द्रव्यमान व वेग के गुणनफल को संवेग कहते है | इसे p से प्रदर्शित करते है , यह एक यह एक सदिश है | 


यदि m द्रव्यमान वस्तु v वेग से गतिमान है तब संवेग 

p  =  m.v
  
संवेग का मात्रक   -     किलोग्राम - मीटर / सेकण्ड 

संवेग संरक्षण का सिद्धांत :- इस सिद्धांत के अनुसार , यदि वस्तुओ के निकाय पर बाह्य बल आरोपित न हो , तो संयुक्त निकाय का कुल संवेग सदैव संरक्षित रहता है | 

△p  /  △ t   =  नियताँक 

बल का आवेग :- यदि अधिक मान का बल , अत्यंत कम समय के लिए किसी पिण्ड पर लगता है ,तो बल और समयान्तराल का गुणनफल बल का आवेग कहलाता है | इसे I से प्रदर्शित करते है , यह एक सदिश राशि है | 

यदि कोई बल F , अल्प समय (△t) मे किसी वस्तु पर कार्यरत है , तो आवेग 
I  =  F . △t

इसका मात्रक न्यूटन x सेकण्ड या किग्रा - मीटर / सेकण्ड | 


Lesson complete

Chapter 11 - click here
Chapter 10 - click here
Chapter 8   - click here