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(2) उत्तल दर्पण (convex mirror)- वह गोलिय दर्पण जिसका परावर्तक पृष्ठ बहार की ओर उभरा होता है अथार्त परावर्तन उभरे हुए तल से होता है , उत्तल दर्पण कहलाता है
गोलीय दर्पणों से सम्बंधित कुछ परिभाषाएँ निम्नलिखित हैं -
( i ) दर्पण का ध्रुव - गोलीय दर्पण के परावर्तक पृष्ठ के मध्य बिंदु को दर्पण का ध्रुव कहते है | इसे P से प्रदर्शित करते है |
( j ) वक्रता केंद्र - गोलीय दर्पण का परावर्तक पृष्ठ जिस खोखले भाग का होता है उस गोले के केंद्र को वक्रता केंद्र कहते है | इसे C से प्रदर्शित करते है |
( k ) वक्रता त्रिज्या - उस गोले की त्रिज्या जिसका की दर्पण एक भाग है | उस दर्पण की वक्रता त्रिज्या कहलाती है | इसे r से दर्शाते है |
(l ) अभिलम्ब - गोलिय दर्पण के किसी बिंदु को वक्रता केंद्र से मिलाने वाली रेखा इस बिंदु पर अभिलम्ब होती है
(m) मुख्य अक्ष - गोलिय दर्पण के ध्रुव तथा वक्रता केंद्र को मिलाने वाली सीधी रेखा , गोलीय दर्पण की मुख्य अक्ष कहलाती है |
(n) दर्पण का द्वारक - गोलिय दर्पण के परावर्तक पृष्ठ के व्यास को दर्पण का दवारक कहते है |
(o) मुख्य फोकस - गोलीय दर्पण की मुख्य अक्ष के समान्तर आने वाली प्रकाश की किरणे गोलीय दर्पण से परावर्तन के बाद मुख्य अक्ष के जिस बिंदु पर मिलती है या मिलती हुई परतीत होती है इस बिंदु को दर्पण का मुख्य फोकस अथवा फोकस कहते है |
अवतल दर्पण से परावर्तित किरणे फोकस f पर वास्तव में मिलती है अथार्थ अवतल दर्पण के लिये फोकस वास्तविक होता है तथा उत्तल दर्पण से परावर्तित किरणे फोकस f से आती हुई परतीत होती है अथार्थ उत्तल फोकस के लिय फोकस आभासी होता है |
(p ) फोकस दुरी - गोलिय दर्पण के ध्रुव तथा मुख्य फोकस के बीच की दुरी को दर्पण की फोकस दूरी कहते है | इसे f से दर्शाते है |
(q ) फोकस तल - वह तल जो मुख्य फोकस से गुजरता है तथा मुख्य अक्ष के लंबवत होता है , दर्पण का फोकस तल कहलाता है |
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गोलीय पृष्ठो पर प्रकाश का परावर्तन
गोलीय दर्पण - यदि किसी कांच के गोले को काटकर उसके एक पृष्ठ पर चाँदी की पालिश या कलाई की जाय तो प्राप्त दर्पण गोलिय दर्पण कहलाता है, अथार्त ऐसा दर्पण जिसकी परावर्तक सतह गोलीय दर्पण कहलाता है|
गोलिय दर्पण दो प्रकार के होते है -
(1) अवतल दर्पण (concave mirror) - वह गोलिय जिसका परावर्तक पृष्ठ अंदर की ओर दबा होता है अथार्त परावर्तन दबे हुए तल से होता है , अवतल दर्पण कहलाता है |
( i ) दर्पण का ध्रुव - गोलीय दर्पण के परावर्तक पृष्ठ के मध्य बिंदु को दर्पण का ध्रुव कहते है | इसे P से प्रदर्शित करते है |
( j ) वक्रता केंद्र - गोलीय दर्पण का परावर्तक पृष्ठ जिस खोखले भाग का होता है उस गोले के केंद्र को वक्रता केंद्र कहते है | इसे C से प्रदर्शित करते है |
(l ) अभिलम्ब - गोलिय दर्पण के किसी बिंदु को वक्रता केंद्र से मिलाने वाली रेखा इस बिंदु पर अभिलम्ब होती है
(m) मुख्य अक्ष - गोलिय दर्पण के ध्रुव तथा वक्रता केंद्र को मिलाने वाली सीधी रेखा , गोलीय दर्पण की मुख्य अक्ष कहलाती है |
(n) दर्पण का द्वारक - गोलिय दर्पण के परावर्तक पृष्ठ के व्यास को दर्पण का दवारक कहते है |
(o) मुख्य फोकस - गोलीय दर्पण की मुख्य अक्ष के समान्तर आने वाली प्रकाश की किरणे गोलीय दर्पण से परावर्तन के बाद मुख्य अक्ष के जिस बिंदु पर मिलती है या मिलती हुई परतीत होती है इस बिंदु को दर्पण का मुख्य फोकस अथवा फोकस कहते है |
अवतल दर्पण से परावर्तित किरणे फोकस f पर वास्तव में मिलती है अथार्थ अवतल दर्पण के लिये फोकस वास्तविक होता है तथा उत्तल दर्पण से परावर्तित किरणे फोकस f से आती हुई परतीत होती है अथार्थ उत्तल फोकस के लिय फोकस आभासी होता है |
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