Parkash ka paravertan
in Hindi
प्रकाश :- प्रकाश ऊर्जा का वह रूप है जिसकी सहायता से हमें वस्तुए दिखाई देती है |
जब प्रकाश किसी वस्तु पर आपतित होता है , वह परावर्तित होकर हमारी
आँखों तक पहुँचता है जिसके फलसवरूप वस्तुए दिखाई देती है |प्रकाश के गुण :-
(i) प्रकाश स्वम अदृस्य होता है | परन्तु इसकी उपस्थिति उपस्थिति मेवस्तुए दिखाई देती है |
(ii) साधारणतया प्रकाश सरल रेखा मे गमन करता है |
(iii) प्रकाश विधुत चुम्बकीय तरंगो के रूप मे गमन करता है |
(iv) प्रकाश पारदर्शी माध्यमो ( जैसे - काँच , वायु , आदि ) मे से गुजर सकता हैं
(v ) प्रकाश की चाल निर्वात मे 3 गुना 10 की घात 8 होती हैं|
(vi) जब प्रकाश एक माध्यम से दूसरे माध्यम मे जाता हैं तो अपने मार्ग से विचलित हों जाता हैं |
(vii) जब प्रकाश किसी चिकने व पोलिश दार ताल से टकराकर वापस उसी माध्यम मे चाला जाता हैं |
प्रकाश का परावर्तन :-
जब प्रकाश किसी चिकने या पॉलिश दार तल से टकराता हैं तो उस तल से टकराकर पुनः उसी माध्यम मे वापस लौट जाता हैं | इस घटना को प्रकाश का परावर्तन कहते हैं |

प्रकाश परावर्तन के नियम:-
प्रकाश के परावर्तन के दो नियम हैं --( 1 ) आपतित किरण, आपतन बिन्दु पर अभिलम्ब तथा परावर्तित किरण तीनो एक ही तल मे होते हैं |
( 2 ) आपतन कोण सदैव परावर्तन कोण के बराबर होता है |
परावर्तन के प्रकार -
(1) नियमित परावर्तन
(2) अनियमित परावर्तन
(1) नियमित परावर्तन :- जब प्रकाश किसी चिकने या पॉलिश दार तल से टकराता है प्रकाश किरणें समान्तर होती है उसे नियमित परावर्तन कहते है |
(2) अनियमित परावर्तन - जब प्रकाश का परावर्तन किसी खुरदरे पृष्ठ से होता है ,तो प्रकाश किरणे परावर्तन के बाद विभिन्न दिशाओ मे फैल जाती है इस प्रकार के परावर्तन को अनियमित परावर्तन कहते है |
प्रतिबिम्ब - वस्तु के किसी बिंदु से चलने वाली प्रकाश किरणे परावर्तन या अपवर्तन के बाद जिस बिंदु पर मिलती है या मिलती परतीत होती है, उस बिंदु को प्रथम बिंदु का प्रतिबिम्ब कहते है | जब किसी वस्तु को दर्पण के सामने रखा जाता है, तो दर्पण उस वस्तु आकर्ति बन जाती है, ये आकर्ति वस्तु का प्रतिबिम्ब कहलाती है |
प्रतिबिम्ब निम्नलिखित दो प्रकार के होते है -
(a) वास्तविक प्रतिबिम्ब - जब किसी बिंदु वस्तु से चलने वाली किरणे परावर्तन के बाद किसी दूसरे बिंदु पर वास्तव मैं मिलती है | तो इस दूसरे बिंदु पर बने वस्तु के प्रतिबिम्ब को वस्तु का वास्तविक प्रतिबिम्ब कहते है | इस प्रकार के प्रतिबिम्ब को परदे पर प्राप्त किया जा सकता है |
(b) आभासी प्रतिबिम्ब - जब किसी बिंदु वस्तु से चलने वाली किरणे परावर्तन के बाद किसी बिंदु पर वास्तव में नहीं मिलती है परन्तु दूसरे बिंदु से आती हुई परतीत होती है तो इस बिंदु पर बने प्रतिबिम्ब को उस बिंदु वस्तु का आभासी प्रतिबिम्ब कहते है | इस प्रकार के प्रतिबिम्ब को परदे पर नहीं लिया जा सकता लेकिन इसका फोटो लिया जा सकता है |
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