वास्तविक संख्या
( REAL NUMBER )
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यूकिल्ड विभाजन प्रमेयिका :- दो धनात्मक पूर्णांक a और b दिए रहने पर , ऐसी अद्वितीय पूर्ण संख्या q और r विद्यमान है कि
a = bq + r , 0 ≤ r < b
है |
इस परमयिका को यूकिल्ड विभाजन अल्गोरिथम कहते है |
- इसका प्रयोग हम किन्ही दो संख्याओ का HCF निकलने के लिए करते है |
- इसका उपयोग हम किन्ही दो संख्याओ के बिच के गुणनखंड निकलने मे भी करते है |
- इसका उपयोग हम किसी संख्या का अस्तित्व है या नहीं इस को पता करने मे भी करते है |
EX 1 :- 135 व 255 का HCF यूकिल्ड परमायिका से निकालिये |
सबसे पहले आप यहाँ यह देखिये की कौन सी संख्या बड़ी है 255 > 135
यूकिल्ड डिवीज़न प्रमेयिका से
इसके बाद आप 135 से 255 को भाग करे |
और इस प्रकार लिख दे |
255 = 135 x 1 + 120
अब जो भी आपका शेष आया है उससे दोबारा भाजक को भाग दे |
135 = 120 x 1 + 15
अबकी बार शेष 15 व भाजक 120 है |
120 = 15 x 8 + 0
अब आपका शसफल जीरो है अब आपका HCF निकल गया है |
जब तक शेष जीरो नहीं हो जाता ऐसे ही करते रहे |
जो संख्या लास्ट मे भाजक होती है वह ही HCF है दोनों संख्याओ का
यहाँ पर HCF = 15 ANSWER
EX 2 :- 196 और 38220 का HCF युकिल्ड विभाजन प्रमेयिका से निकालिये |
सबसे पहले आपको देखना है की कोन सी संख्या बड़ी है 196 ∠ 38220
इसके बाद
यूकिल्ड विभाजन प्रमेयिका से करने की कोसिश करे |
इसी तरह से आप सभी परसन कर सकते है |
इसी तरह से आप सभी परसन कर सकते है |
EX 3 :- 867 और 255 का HCF यूकिल्ड विभाजन परमय से |
सबसे पहले आप देखे की कौन सी संख्या बड़ी है 867 > 255
अब यूकिल्ड विभाजन परमए से इसको
इसको आप करने की कोशिस करे |
इसको आप करने की कोशिस करे |
➡️ इस वीडियो को देखे आपकी समँझ मे आ जायेगा
बोर्ड प्रश्नावली 1.1 का हल
EX 4 :-
NOTE :- सबसे पहले आपको नंबरो की जानकारी हो जब ही आप इन प्रश्नो को कर सकते हो तो आपको पहले ये नोट पढ़ना पड़ेगा
4. Positive integers ( धनात्मक पूर्णांक ) :- सभी धनात्मक संख्याऐ धनात्मक पूर्णांक कहलाती है |
EX :- 1,2,3,4,5,6,,7,8,9,....................................
Example :- 2, 4, 6, 8, 10, 12,........20 ,30 ,60 ,80
10 . Reational number ( परिमये संख्या ) :- वे संख्या जो P /q के रूप मे लिखी जाती हो वे संख्यांए परिमये संख्या कहलाती है |
NOTE :- सबसे पहले आपको नंबरो की जानकारी हो जब ही आप इन प्रश्नो को कर सकते हो तो आपको पहले ये नोट पढ़ना पड़ेगा
( real number )
1 . Natural number ( प्राकर्तिक संख्या ) :- जीरो को छोड़कर सभी धनात्मक संख्या प्राक्रतिक संख्याए कहते है
EX :- 1, 2, 3, 4,5,6,7,8,9, ...........................
2. Whole Numbers (पूर्ण संख्यांए ) :- Natural Numbers प्राकृतिक संख्याओ के समुच्चय मे 0 मिलाने पर प्राप्त संख्या Whole Numbers (पूर्ण संख्यांए ) कहलाती है।
W= ( 0,1, 2, 3, 4, ........)
3. Integers (पूर्णांक ) :- (-1,-2,-3,-4,...0,1, 2, 3, 4, ......) से मिलकर बना समुच्चय Integers (पूर्णांक ) कहलाता है।
यहा '0 ' शून्य केवल Integers (पूर्णांक ) है। यह न तो धनात्मक है न ऋणात्मक है।4. Positive integers ( धनात्मक पूर्णांक ) :- सभी धनात्मक संख्याऐ धनात्मक पूर्णांक कहलाती है |
EX :- 1,2,3,4,5,6,,7,8,9,....................................
5 . Negative integers (ऋणपूर्णांक संख्यांए )
शून्य के बायी ओर होती है
EX :- -1, -2, -3 , -4 ,......................................
6. Even Numbers ( सम संख्यांए ) :- जो संख्यांए 2 से बराबर विभाजित हो जाती है
Example :- 2, 4, 6, 8, 10, 12,........20 ,30 ,60 ,80EX :- -1, -2, -3 , -4 ,......................................
7. Odd Numbers ( विषम संख्यांए ) :- जो संख्यांए 2 से बराबर विभाजित नहीं होती है
Example. 3,5, 7, 9, 11, 19, 21, 31,.....................................8. Prime Numbers ( अभाज्य संख्यांए ) :- जो 1 और अपनी संख्या के अलावा किसी से विभाजित न हो
Example :- 2, 3, 5, 7, 11, 13, 17, 19, 23,................................9. Composite Numbers ( भाज्य संख्यांए ) :- Prime Numbers ( अभाज्य संख्यांए ) के अतिरिक्त सभी संख्याए Composite Numbers ( भाज्य संख्यांए ) कहलाती है
EX :- 1 , 4,6, 8, 10, 12, 14, 15, 16, 18,..........................................10 . Reational number ( परिमये संख्या ) :- वे संख्या जो P /q के रूप मे लिखी जाती हो वे संख्यांए परिमये संख्या कहलाती है |
(i) p व q दोनों पूर्णांक हो
(ii) q ≠ 0
EX :- -3/2, 2/3, 2/5, 5/7,..........................
11. Irrational number ( अपरिमये संख्या ) :- एक अपरिमेय संख्या को एक सरल भिन्न के रूप में प्रदर्शित नहीं किया जा सकता। उदाहरण के लिये २ का वर्गमूल, और पाई (π) अपरिमेय संख्याएँ हैं।
बोर्ड प्रश्नावली 1.2 का हल
EX 1.2 को करने से पहले हम आपको बता दे की आपको कुछ महत्वपूर्ण बिंदु जान लेने जरुरी है जो इस प्रकार है |
- अंक गणित की आधारभूत प्रमेय (The Fundamental Theorem of Arithmetic):- अंक गणित की आधारभूत प्रमेय के अनुसार प्रत्येक भाज्य संख्या को अभाज्य संख्याओं के एक गुणनफ्ल के रूप में व्यक्त (गुणनखंडित) किया जा सकता थ तथा यह गुणनखंड अभाज्य गुणनखंडों के आने वाले क्रम के बिना अद्वितीय होता है। ( The Fundamental Theorem of Arithmetic states that Every composite number can be expressed (factorized) as a product of primes, and this factorization is unique, apart from the order in which the prime factors occur. )
- अर्थात अंकगणित की आधारभूत प्रमेय कहती है कि प्रत्येक भाज्य संख्या अभाज्य संख्याओं के एक गुणनफल के रूप में गुणनखंडित की जा सकती है। अर्ताथ एक दी गुई भाज्य संख्या को अभाज्य संख्याओं के एक गुणनफल के रूप में बिना ध्यान दिए कि अभाज्य संख्याएँ किस क्रम में आ रही हैं एक अद्वितीय प्रकार (Unique way) से गुणनखंडित किया जा सकता है। अर्थात यदि कोई भाज्य संख्या दी गुई है, तो उसे अभाज्य संख्याओं के गुणनफल के रूप में लिखने की केवल एक विधि है, जब तक कि हम अभाज्य संख्याओं के आने वाले क्रम पर कोई विचार नहीं करते।
जैसे :- हम 12 व 21 को अभाज्य गुणनखंडो के रूप मे इस प्रकार है |
12 = 2*2*3
21 = 3*7
एक प्राकृत संख्या का अभाज्य गुणनखंड, उसके गुणनखंडों के क्रम को छोड़ते हुए अद्वितीय होता है।
प्रश्न संख्या: 1. निम्नलिखित संख्याओं को अभाज्य गुणनखंडों के गुणनफल के रूप में व्यक्त कीजिए :
(i) 140
हल :
उत्तर
(ii) 156
हल:
उत्तर
(iii) 3825
हल:
उत्तर
(iv) 5005
हल:
उत्तर
(v) 7429
हल:
उत्तर
अंकगणित की आधारभूत प्रमेय के अनुसार,
- HCF (महत्तम समापवर्तक) = संख्याओं में प्रत्येक उभनिष्ठ अभाज्य गुणनखंड की सबसे छोटी घात का गुणनफल (Product of the smallest power of each common prime factor in the numbers.)
- LCM (लघुत्तम समापर्तक)= संख्याओं से संबद्ध प्रत्येक अभाज्य गुणनखंड की सबसे बड़ी घात का गुणनफल (Product of the greatest power of each prime factor, involved in the numbers.)
अत:
किसी दो घनात्मक पूर्णांक संख्याओं तथा के लिए
HCF () LCM () .
प्रश्न संख्या: 2. पूर्णांको के निम्नलिखित युग्मों के HCF और LCM ज्ञात कीजिए तथा इसकी जाँच कीजिए कि दो संख्याओं का गुणनफल = LCM HCF
(i) 26 और 91
हल:
का अभाज्य गुणनखंड
का अभाज्य गुणनखंड
अत:, HCF = अभाज्य गुणनखंखों में उभयनिष्ठ =
तथा LCM
अब दिये गये दोनों संख्याओं का गुणनफल
तथा, HCF LCM
अत: दिये गये दोनों संख्याओं का गुणनफल = दी गई संख्याओं के लिये LCM HCF Proved
(ii) 510 और 92
हल:
का अभाज्य गुणनखंड
तथा का अभाज्य गुणनखंड
अत:, HCF
तथा LCM
अब दिये गये दोनों संख्याओं का गुणनफल
तथा दिये गये कोनों संख्याओं के लिए HCF LCM
अत:, HCF LCM = दिये गये दोनों संख्याओं का गुणनफल proved
(iii) 336 और 54
हल:
का अभाज्य गुणनखंड
तथा का अभाज्य गुणनखंड
अत:, HCF
तथा LCM
अब दी गई संख्याओं का गुणनफल
तथा HCF LCM
अत:, HCF LCM = दी गई दोनों संख्याओं का गुणनफल proved
प्रश्न संख्यां: 3. अभाज्य गुणनखंड विधि द्वारा निम्नलिखित पूर्णांकों के HCF और LCM ज्ञात कीजिए
(i) 12, 15 और 21
हल:
का अभाज्य गुणनखंड
का अभाज्य गुणनखंड
तथा का अभाज्य गुणनखंड
अत:, HCF
तथा LCM
अत: HCF तथा LCM उत्तर
(ii) 17, 23 और 29
हल:
का अभाज्य गुणनखंड
तथा का अभाज्य गुणनखंड
तथा का अभाज्य गुणनखंड
अत: HCF
तथा LCM
अत: HCF तथा LCM उत्तर
(iii) 8, 9 और 25
हल:
का अभाज्य गुणनखंड
तथा का अभाज्य गुणनखंड
तथा का अभाज्य गुणनखंड
अत: HCF
तथा LCM
अत: HCF तथा LCM उत्तर
प्रश्न संख्या: 4. HCF (306, 657) = 9 दिया है। LCM (306, 657) ज्ञात कीजिए
हल:
दिया गया है, HCF (306, 657) = 9
LCM = ?
हम जानते हैं कि LCM HCF = संख्याओं का गुणनफल
∴ LCM HCF
LCM
LCM
LCM
LCM उत्तर
प्रश्न संख्यां: 5. जाँच कीजिए कि क्या किसी प्राकृत संख्या के लिए अंक 0 पर समाप्त हो सकती है।
हल:
हम जानते हैं कि यदि कोई संख्या की अंतिम संख्या 0 है अर्थात दी गई कोई संख्या 0 पर खत्म होती है, तो यह तथा/या से विभाजित हो सकती है।
जैसे कि, 10, जो कि 0 पर खत्म होती है अत: यह 10, 5 तथा 2 से पूर्ण रूप से विभाजित हो जाती है क्योंकि इसका अभाज्य गुणनखंड है।
अब दिया गया है कि का अभाज्य गुणनखंड
चूँकि इस गुणनखंड में उपस्थित नहीं है, अत: यह का अभाज्य गुणनखंड में नहीं है।
अत: का कोई मान से पूर्ण रूप से विभाजित नहीं होगा।
अत: किसी प्राकृत संख्या के लिए अंक 0 पर समाप्त नहीं हो सकती है। उत्तर
प्रश्न संख्या: 6. ब्याख्या कीजिए कि और 7× 6 × 5 × 4 × 3 × 2 × 1 + 5 भाज्य संख्याएँ क्यों है।
हल:
संख्याओं को विभाजकता के आधार पर दो भागों में बाँटा जा सकता है: अभाज्य संख्याएँ (Prime numbers) तथा भाज्य संख्याएँ (Composite numbers)।
संख्याएँ जिनके केवल दो ही गुणनखंड, संख्या स्वयं तथा एक (1) हों, अभाज्य संख्याएँ (Prime numbers) कहलाती हैं। तथा वैसी संख्याएँ जिसका एक (1) तथा संख्या स्वयं के अतिरिक्त भी गुणनखंड हों, भाज्य संख्याएँ (Composite numbers) कहलाती हैं।
प्रश्न में दो संख्याएँ ब्यंजक के रूप में दी गई हैं
प्रथम
7 × 11 × 13 + 13
= 13 × (7 × 11 + 1)
= 13 × (77 + 1)
= 13 × 78
= 13 × 13 × 6
चूँकि देये गये ब्यंजक का गुणनखंड 13 तथा 6 है। अत: यह एक भाज्य संख्या (Composite number) है।
दूसरा
7 × 6 × 5 × 4 × 3 × 2 × 1 + 5
= 5 ( 7 × 6 × 4 × 3 × 2 × 1 + 1)
= 5 × 1009
चूँकि देये गये ब्यंजक का गुणनखंड 5 तथा 1009 है। अत: यह एक भाज्य संख्या (Composite number) है।
अत: और 7× 6 × 5 × 4 × 3 × 2 × 1 + 5 भाज्य संख्याएँ हैं। चूँकि दोनों ब्यंजकों के लिए एक (1) तथा संख्या के अतिरिक्त और अभाज्य गुणनखंड हैं।
प्रश्न संख्या: 7. किसी खेल के मैदान के चारों ओर एक वृत्ताकार पथ है। इस मैदान का एक चक्कर लगाने में सोनिया को 18 मिनट लगते हैं, जबकि इसी मैदान का एक चक्कर लगाने में रवि को 12 मिनट लगते हैं। मान लीजिए वे दोनों एक ही स्थान और एक ही समय पर चलना प्रारम्भ करके एक ही दिशा में चलते हैं। कितने समय बाद वे पुन: प्रारंभिक स्थान पर मिलेंगे ?
हल: यह स्पष्ट है कि एक चक्कर पूरा करने में रवि को सोनिया की अपेक्षा कम समय लगता है। अत: जब दोनों एक ही स्थान और एक ही समय पर चलना प्रारम्भ करेंगे तो एक चक्कर लगाने में दोनों द्वार लगने वाले समय के LCM (लघुत्तम समापवर्तक) के मान पर प्रारंभिक स्थान पर पुन: मिलेंगे।
अब,
18 का अभाज्य गुणनखंड = 2 × 3 × 3
तथा 12 का अभाज्य गुणनखंड = 2 × 2 × 3
अत: 18 तथा 12 का LCM
= 2 × 2 × 3 × 3 = 36
अत: सोनिया तथा रवि चलना प्रारम्भ करने के 36 मिनट बाद पुन: प्रारम्भिक सथान पर मिलेंगे। उत्तर
EX 1.3
अपरिमेय संख्यां (Irrational Number):-
संख्या जिसे के रूप में जहाँ और पूर्णांक हैं तथा है, के रूप में नहीं लिखा जा सकता हो, अपरिमेय संख्या (Irrational Number) कहलाती हैं। उदारण के लिए - , , , 0.101101110 . . . . , इत्यादि अपरिमेय संख्याएँ हैं।
प्रमेय (Theorem) 1.4 : एक अपरिमेय संख्या है।
उपपत्ति:
हम इसके विपरीत यह मान लेते हैं कि एक परिमेय संख्या है।
अत: हम दो पूर्णांक और ऐसे ज्ञात कर सकते हैं कि हो तथा
मान लीजिए कि और में, 1 के अतिरिक्त, कोई उभयनिष्ठ गुणनखंड है। तब हम इस उभयनिष्ठ गुणनखंड से और को विभाजित करके प्राप्त कर सकते हैं, जहाँ और सह अभाज्य (co-prime) हैं।
अत:, हुआ।
दोनों पक्षों को वर्ग करने तथा पुनर्व्यवस्थित करने पर हमें प्राप्त होता है,
-----(i).
अत: 2, को विभाजित करता है।
अत: हम प्रमेय 1.3 द्वार 2, को विभाजित करेगा।
अत: लिखा जा सकता है, जहाँ कोई पूर्णांक है।
समीकरण (i) में रखने पर हम पाते हैं कि
अर्थात 2, को विभाजित करता है और इसलिए 2, को भी विभाजित करेगा।
अत: और में कम से कम एक उभयनिष्ठ गुणनखंड 2 है।
परंतु इससे इस तथ्य का विरोधाभास प्राप्त होता है कि और में, 1 के अतिरिक्त, कोई उभनिष्ठ गुणनखंड नहीं है।
यह विरोधाभास हमें इस कारण प्राप्त हुआ है, क्योंकि हमने त्रुटिपूर्ण कल्पना कर ली है कि एक परिमेय संख्या है।
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